Sunday, August 15, 2010

The Boot Polish Boy

on the streets of despair
pain and remorse
his life has yet
to change course
polishing you shoes
with boot polish
his spit making
them shine
as never before
he is a river
without a source
a drop
in an ocean
of course

The sadness in his eyes tells all , he only told me he had not eaten for sometime , and business was bad as he stood near the bus stand for a client with muck in his shoes and in a hurry for a job interview.


I normally dont wear shoes but of late I wear rubber slippers because of the soggy filthy streets that make it impossible to move about barefeet ..


And I have just shot the Bandra Bazar Road flag hoisting by a freedom fighter ...

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा ।
हम बुलबुले है इसकी ये गुलसिता हमारा ॥धृ॥

घुर्बत मे हो अगर हम रहता है दिल वतन मे ।
समझो वही हमे भी दिल है जहाँ हमारा ॥१॥

परबत वो सब से ऊंचा हमसाय आसमाँ का ।
वो संतरी हमारा वो पासबा हमारा ॥२॥

गोदी मे खेलती है इसकी हजारो नदिया ।
गुलशन है जिनके दम से रश्क-ए-जना हमारा ॥३॥

ए अब रौद गंगा वो दिन है याद तुझको ।
उतर तेरे किनारे जब कारवाँ हमारा ॥४॥

मझहब नही सिखाता आपस मे बैर रखना ।
हिन्दवी है हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा ॥५॥

युनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिट गए जहाँ से ।
अब तक मगर है बांकी नामो-निशान हमारा ॥६॥

कुछ बात है की हस्ती मिटती नही हमारी ।
सदियो रहा है दुश्मन दौर-ए-जमान हमारा ॥७॥

इक़्बाल कोइ मेहरम अपना नही जहाँ मे ।
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहा हमारा ॥८॥

I am on Flickr Instagram You Tube